अवधेश राय हत्याकांड में मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सजा, जुर्माना एक लाख रुपये का
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By Vastavik Samajvad
Published - 05 June 2023 187 views
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार
अंसारी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। 32 साल पुराने वाराणसी के बहुचर्चित
अवधेश राय हत्याकांड में विशेष न्यायाधीश (एमपी-एलएलए कोर्ट) अवनीश गौतम की अदालत
ने माफिया मुख्तार अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनाई है। एक
लाख रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगा है। पूर्वांचल में सभी की निगाहें इस ओर
टिकी थी कि
मुख्तार को क्या सजा मिलेगी।
बीते एक साल में मुख्तार अंसारी को चार मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है।
लेकिन इन सभी मामलों में अवधेश राय हत्याकांड में उसे पहली बार उम्र कैद की सजा
सुनाई गई है। कोर्ट के फैसले के मद्देनजर सिविल कोर्ट परिसर के साथ
ही नौ मंजिला बिल्डिंग स्थित अदालत कक्ष की सुरक्षा व्यवस्था सख्त रही
अधिवक्ता अनुज यादव ने बताया कि दिनदहाड़े अवधेश राय की हत्या की गई थी। 32 साल पुराने इस मामले में
एमपी-एलएलए कोर्ट ने मुख्य आरोपी मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया है। घटना के दो
चश्मदीद गवाहों ने गवाही दी। एमपी-एमएलए कोर्ट में सिर्फ मुख्तार अंसारी का केस चल
रहा था, बाकी अभियुक्तों का मामला
इलाहाबाद के जिला न्यायलय में लंबित है।
अजय राय ने किया कोर्ट के फैसले का स्वागत
अवधेश
राय पूर्व मंत्री व पिंडरा के कई बार विधायक रहे और अब कांग्रेस के प्रांतीय
अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई थे। सोमवार को एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले का अजय राय
ने स्वागत किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बड़े भाई की हत्या करने वालों के खिलाफ तीन दशक से ज्यादा समय
से संघर्ष कर रहा हूं। माफिया के धनबल, बाहुबल
और सत्ता से गठजोड़ के आगे कभी नहीं झुका। न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है। अपने परिवार और अधिवक्ताओं को
धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं रहूं या ना रहूं लेकिन इन लोगों ने लड़ाई जारी रखी।
वैन
से आए बदमाशों ने की थी अंधाधुंध फायरिंग
तीन
अगस्त 1991 को वाराणसी के चेतगंज थाना क्षेत्र के लहुराबीर इलाके
में रहने वाले कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े
थे। सुबह का वक्त था। एक वैन से आए बदमाशों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। अवधेश
राय को गोलियों से छलनी कर दिया गया। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
घटना से पूरा पूर्वांचल सहम उठा था।
पूर्व
विधायक अजय राय ने इस मामले में मुख्तार अंसारी को मुख्य आरोपी बनाया। साथ में भीम
सिंह, कमलेश सिंह व पूर्व विधायक अब्दुल कलाम और राकेश न्यायिक
का भी नाम रहा। इनमें से कमलेश व अब्दुल कलाम की मौत हो चुकी है। राकेश न्यायिक का केस प्रयागराज
कोर्ट में चल रहा है।
फोटोस्टेट पत्रावली के आधार पर सुनवाई का पहला मामला
हत्या जैसे मामले में फोटोस्टेट
पत्रावली के आधार पर सुनवाई का संभवत: यह पहला प्रकरण है। इसके बाद मामला हाईकोर्ट
तक गया। लेकिन, लंबी कानूनी प्रक्रिया के तहत यहीं की अदालत में सुनवाई पूरी
हुई। दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अदालत ने पांच जून को फैसले के लिए
पत्रावली सुरक्षित रख ली थी। आज कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को दोषी करार दिया।
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